उद्धेशय एवॅ निर्देश

समिति का उदेश्य

  • १. गौ सेवा व गौ रक्षा में समर्पित !
  • २. पर्यावरण सुरक्षा, वृक्षारोपण आदि!
  • ३. विश्व शांति हेतु वैदिक पूजा, महाशांति कराना, समस्त ग्रह पूजा, जाप, गायत्री जाप, पंचामृत अभिषेक, दुर्गा सप्तसती पाठ, ज्ञानगंगा, भागवत कथा आदि कराना!
  • ४. समिति के ब्राम्हण सदस्यों के द्वारा भक्तों के कल्याण के लिए लोगों को ज्ञान देने व , पूजन में नाम जोड़ने अर्थात संकल्प लेने हेतु भारत के अन्य क्षेत्रों में जाना!
  • ५. समाज के निराश्रित गरीब व असहाय व्यक्तियों का सामूहिक विवाह आयोजन कराना!
  • ६.भारतीय वैदिक गणित, हस्तरेखा, ज्योतिषशास्त्र, अंकज्योतिष, वैदिक रीति आदि का प्रचार, प्रसार व शोध करना!
  • ७. आध्यात्मिक कार्यों का प्रचार प्रसार करना एवं आध्यात्मिक सेवा से लोगों को जोड़ने का प्रयास करना!
  • ८. सरकार के द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं में सहयोग देना, जैसे- अविरल गंगा, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ – बेटी पढाओ, एक कदम स्वच्छता की ओर, शिक्षा के लिए प्रेरित करना, नमामि गंगे परियोजना, टीकाकरण कराना आदि में भाग लेना!
  • ९. प्राकृतिक आपदा- अग्नि प्रकोप, बाढ़ पीड़ित, गरीब असहाय लोगों की मदद करना!
  • १०. वस्त्र वितरित करना, सभी जीवों के प्रति प्रेम सदभावना व भाईचारे का निर्वहन करना, राष्ट्र प्रेम बनाये रखना!
  • ११. अपने देश भारत के प्रति ऐतिहासिक महायोद्धायों को जैसे वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, महारानी लक्ष्मीबाई, महारानी अहिल्याबाई होलकर आदि को प्रेरणा सूत्र मानकर समाज में भारतीय सांस्कृतिक प्रचार करना तथा वीर जवानों, किसानों को नमन कर उत्साहित करना!
  • १२.ज्योतिबा फुले, गायत्रीबाई, डा० भीमराव अम्बेडकर जैसे अनेक महापुरुषों के द्वारा चलाये अभियान का शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करना!
  • १३. तीर्थयात्रा कराना, जैसे चारों धाम, व सम्पूर्ण भारत का!

समिति का सन्देश

समय समय पर श्री जन कल्याणर्थ सेवा समिति के द्वारा भारतीय सनातन के सभी तीर्थो पर भक्तो के कल्याण के लिए उनके मंगल कामना के लिए महाशांति करायी जाती है!

श्री कशी पंचांग अनुसारेण भारतीय संवत के रजा व मंत्री के आधार पर वर्ष का फल शुभ या अशुभ होता है, अशुभ वर्ष फल के कारण विश्वव्यापी महामारी, भूकंप, ओल्लावृष्टि, अल्पवृष्टि, प्राकृतिक आपदा, अकाल मृत्यु योग व आशांति की स्तिथि बन जाती है! इस आफतकाल में जन कल्याणर्थ मानव जीव, जंतु, समस्त चराचर रक्षा हेतु महामृतुन्जय अनुष्ठान प्रारम्भ रहता है!

आप श्रीमान भक्तजन को श्री जन कल्याणर्थ सेवा समिति के द्वारा सादर अनुरोध है कि समस्त परिवार सहित आमंत्रित हैं, एवं पूजन में नाम देकर पुण्य के भागी बनें!

समिति का अनुष्ठान व शांति स्थल

  • श्री काशीविश्वनाथ (काशी जी), गंगाधाम, वाराणसी
  • श्री पशुपतिनाथ, बाघमति गंगा, काठमांडू, नेपाल
  • श्री मृतुन्जय महादेव मंदिर, वाराणसी
  • श्री त्रिलोकेश्वर नाथ, बांसी धाम, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
  • श्री मुक्तिनाथ, नेपाल
  • श्री कुबेरनाथ, भारत
  • श्री प्रयागराज, गंगा, यमुना, सरस्वती त्रिवेणी संगम, भारत
  • श्री काल भैरव, वाराणसी, भारत
  • श्री सेतु बन्धु, रामेश्वरम, भारत
  • श्री महाकालेश्वर, उज्जैन, भारत
  • श्री शक्तिपीठ गुन्जेश्वरी देवी, भारत